इतना वेटिंग है तो कन्फर्म होगा या नहीं? IRCTC वेटिंग टिकट पर सफर करना सही या गलत? IRCTC 2025 के लेटेस्ट नियम जानें

भारतीय रेलवे में टिकट बुक करते समय अक्सर वेटिंग लिस्ट (WL) का सामना करना पड़ता है। कई बार सवाल उठता है – मेरा वेटिंग टिकट कन्फर्म होगा या नहीं? GNWL, RLWL, PQWL का क्या मतलब है? किस वेटिंग नंबर तक टिकट कन्फर्म होता है? क्या वेटिंग टिकट पर यात्रा करना सही है? आइए, इन सभी सवालों का आसान हिंदी में विस्तार से जवाब जानते हैं।

वेटिंग टिकट क्या है?

जब ट्रेन में सभी रिजर्व सीटें भर जाती हैं, तो बचे हुए यात्रियों को वेटिंग लिस्ट (WL) में डाल दिया जाता है। वेटिंग टिकट का मतलब है कि आपकी सीट पक्की नहीं है और यह तभी कन्फर्म होगी जब पहले से बुक यात्रियों की टिकट कैंसिल होगी।

वेटिंग टिकट के प्रकार

वेटिंग कोडपूरा नामकन्फर्मेशन के चांस
GNWLGeneral Waiting Listसबसे ज्यादा
RLWLRemote Location Waiting Listकम
PQWLPooled Quota Waiting Listबहुत कम
TQWLTatkal Quota Waiting Listसबसे कम
RSWLRoadside Station Waiting Listबहुत कम

GNWL (General Waiting List)

  • यह वेटिंग लिस्ट तब मिलती है जब आप ट्रेन के शुरूआती स्टेशन से टिकट बुक करते हैं या उसके पास के स्टेशन से।
  • GNWL के कन्फर्म होने के चांस सबसे ज्यादा होते हैं, क्योंकि ज्यादातर कैंसिलेशन इसी कोटे से होते हैं।

RLWL (Remote Location Waiting List)

  • यह वेटिंग लिस्ट तब मिलती है जब आप ट्रेन के रूट में किसी महत्वपूर्ण इंटरमीडिएट स्टेशन से टिकट बुक करते हैं।
  • RLWL के कन्फर्म होने के चांस GNWL से कम होते हैं, क्योंकि यह कोटा सीमित होता है और कैंसिलेशन कम होते हैं।

PQWL (Pooled Quota Waiting List)

  • यह वेटिंग लिस्ट तब मिलती है जब आप ट्रेन के किसी छोटे स्टेशन से दूसरे छोटे स्टेशन तक यात्रा करते हैं।
  • PQWL के कन्फर्म होने के चांस बहुत कम होते हैं, क्योंकि इसमें सीटें बहुत कम होती हैं।

GNWL – कन्फर्मेशन की संभावना

  • GNWL वेटिंग टिकट का कन्फर्म होना पूरी तरह से कैंसिलेशन पर निर्भर करता है।
  • आमतौर पर GNWL 10-20 तक के टिकट कन्फर्म हो जाते हैं, लेकिन यह ट्रेन, सीजन, रूट और क्लास पर निर्भर करता है।
  • त्योहार, गर्मी की छुट्टियों या स्पेशल ट्रेनों में GNWL 5-10 तक ही कन्फर्म हो पाता है।
  • ऑफ-सीजन या कम भीड़ वाली ट्रेनों में GNWL 30-40 तक भी कन्फर्म हो सकता है।
  • कोई भी वेटिंग टिकट पक्के तौर पर कन्फर्म होगा या नहीं, इसकी गारंटी नहीं होती, लेकिन GNWL के कन्फर्म होने के चांस सबसे ज्यादा हैं।

RLWL – कन्फर्मेशन की संभावना

  • RLWL के कन्फर्मेशन चांस GNWL से काफी कम होते हैं।
  • आमतौर पर RLWL 1-2 तक के टिकट कन्फर्म हो सकते हैं, लेकिन 3-4 या उससे ऊपर के कन्फर्म होने के चांस बहुत कम होते हैं।
  • यह स्टेशन पर मिलने वाले कोटे और कैंसिलेशन पर निर्भर करता है।

PQWL – कन्फर्मेशन की संभावना

  • PQWL टिकट के कन्फर्म होने के चांस सबसे कम होते हैं।
  • आमतौर पर PQWL 1-2 तक ही कन्फर्म हो पाता है, उससे ऊपर के टिकट का कन्फर्मेशन मुश्किल है।

वेटिंग टिकट का स्टेटस कैसे देखें?

  • अपना PNR नंबर IRCTC या रेलवे की वेबसाइट/ऐप में डालें।
  • स्टेटस में WL (Waiting List), RAC (Reservation Against Cancellation) या CNF (Confirmed) लिखा मिलेगा।
  • जैसे-जैसे टिकट कन्फर्म होता है, WL नंबर घटता जाता है।
  • चार्ट बनने के बाद अगर टिकट कन्फर्म नहीं हुआ तो स्टेटस WL ही रहेगा।

वेटिंग टिकट के बाद क्या-क्या हो सकता है?

  • CNF (Confirmed): आपको बर्थ मिल जाएगी।
  • RAC (Reservation Against Cancellation): आपको आधी सीट मिलेगी, सफर कर सकते हैं।
  • WL (Waiting List): टिकट कन्फर्म नहीं हुआ, सफर नहीं कर सकते।

क्या वेटिंग टिकट पर यात्रा कर सकते हैं?

E-Ticket (IRCTC Online Ticket)

  • अगर चार्ट बनने के बाद भी टिकट वेटिंग में ही है (WL), तो आपका टिकट ऑटोमैटिक कैंसिल हो जाएगा और पैसा रिफंड हो जाएगा।
  • ऐसे टिकट पर यात्रा करना गैरकानूनी है, TTE आपको ट्रेन से उतार सकता है।

काउंटर टिकट (PR Counter)

  • अगर चार्ट बनने के बाद भी टिकट वेटिंग में है, तो आप सफर कर सकते हैं, लेकिन आपको कोई सीट/बर्थ नहीं मिलेगी।
  • TTE से रिक्वेस्ट कर सकते हैं, अगर कोई सीट खाली हुई तो दे सकता है।
  • फिर भी, बिना कन्फर्म टिकट के सफर रिस्क है और फाइन भी लग सकता है।

RAC टिकट क्या है?

  • RAC टिकट का मतलब है Reservation Against Cancellation।
  • इसमें आपको आधी सीट मिलती है (दो यात्री एक सीट शेयर करते हैं)।
  • चार्ट बनने तक अगर कोई कैंसिलेशन होती है, तो RAC टिकट कन्फर्म हो सकता है।
  • RAC टिकट पर सफर करना पूरी तरह से वैध है।

वेटिंग टिकट कन्फर्मेशन के चांस बढ़ाने के टिप्स

  • ट्रेन का चयन सोच-समझकर करें, ज्यादा भीड़ वाली ट्रेन से बचें।
  • टिकट बुकिंग जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी करें।
  • GNWL वेटिंग टिकट लें, RLWL/PQWL से बचें।
  • एक ही रूट पर अलग-अलग ट्रेनों में वेटिंग चेक करें।
  • ऑफ-सीजन में यात्रा करें तो कन्फर्मेशन के चांस ज्यादा होते हैं।

वेटिंग टिकट का रिफंड

  • E-Ticket: अगर चार्ट बनने के बाद भी टिकट वेटिंग में है, तो पैसा ऑटोमैटिक रिफंड हो जाएगा।
  • PR Counter Ticket: चार्ट बनने के बाद 3 घंटे के अंदर टिकट जमा कर रिफंड ले सकते हैं।

वेटिंग टिकट के प्रकार – सारांश तालिका

वेटिंग लिस्टकब मिलता हैकन्फर्मेशन चांससफर कर सकते हैं? (चार्ट बनने के बाद)
GNWLट्रेन के शुरूआती स्टेशन सेसबसे ज्यादाE-Ticket – नहीं, PR Ticket – रिस्क
RLWLरूट के बीच के बड़े स्टेशन सेकमE-Ticket – नहीं, PR Ticket – रिस्क
PQWLछोटे स्टेशन से छोटे स्टेशन तकबहुत कमE-Ticket – नहीं, PR Ticket – रिस्क
TQWLTatkal बुकिंग मेंसबसे कमE-Ticket – नहीं, PR Ticket – रिस्क
RACकोई भी स्टेशनसफर वैधहां, आधी सीट मिलेगी

मुख्य बातें (बुलेट लिस्ट)

  • GNWL वेटिंग टिकट के कन्फर्म होने के चांस सबसे ज्यादा।
  • RLWL, PQWL के कन्फर्मेशन चांस काफी कम।
  • चार्ट बनने के बाद E-Ticket वेटिंग है तो सफर नहीं कर सकते।
  • PR Counter टिकट वेटिंग है तो सफर कर सकते हैं, लेकिन कोई गारंटी नहीं।
  • RAC टिकट पर सफर पूरी तरह वैध है।
  • वेटिंग टिकट का पैसा रिफंड हो जाता है (E-Ticket में ऑटोमैटिक)।
  • वेटिंग टिकट का कन्फर्मेशन पूरी तरह कैंसिलेशन पर निर्भर करता है।

निष्कर्ष

भारतीय रेलवे में वेटिंग टिकट का कन्फर्म होना पूरी तरह कैंसिलेशन और कोटे पर निर्भर करता है। GNWL टिकट के कन्फर्म होने के चांस सबसे ज्यादा होते हैं, जबकि RLWL और PQWL के चांस बहुत कम होते हैं। चार्ट बनने के बाद E-Ticket वेटिंग है तो यात्रा न करें, PR टिकट पर भी सफर रिस्क है। हमेशा टिकट का स्टेटस चेक करें और सफर से पहले कन्फर्मेशन की पुष्टि जरूर करें।

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