बजट 2025 के बाद मिडिल क्लास और लोन लेने वालों के लिए एक और बड़ी खुशखबरी आई है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 7 फरवरी 2025 को रेपो रेट में 0.25% की कटौती की घोषणा की है। यह कदम पिछले 5 साल में पहली बार उठाया गया है, जिससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें कम हुई हैं। इसका सीधा असर आपकी मासिक किश्त (EMI) पर पड़ेगा।
इससे पहले, केंद्र सरकार ने बजट 2025 में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर मिडिल क्लास को राहत दी थी। अब आरबीआई के इस फैसले से लोन लेने वालों की खर्च योग्य आय (Disposable Income) बढ़ेगी। बैंकों ने भी तुरंत अपनी उधार दरों में कटौती की है। एसबीआई, HDFC, ICICI जैसे बड़े बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरें 0.25% तक घटा दी हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि रेपो रेट क्या है, यह आपकी EMI को कैसे प्रभावित करता है, और कार, होम लोन पर कितनी बचत होगी। साथ ही, हम एक्सपर्ट्स की राय और लोन यूजर्स के लिए टिप्स भी शेयर करेंगे।
रेपो रेट

रेपो रेट क्या है? | RBI द्वारा निर्धारित वह दर जिस पर बैंक RBI से अल्पकालिक कर्ज लेते हैं |
वर्तमान रेपो रेट | 6.25% (0.25% की कटौती के बाद) |
पिछली रेपो रेट | 6.50% |
कटौती की तारीख | 7 फरवरी 2025 |
EMI पर असर | फ्लोटिंग रेट लोन की EMI कम होगी |
किसे फायदा | नए लोन लेने वाले, फ्लोटिंग रेट लोन धारक |
होम लोन पर कितनी कम होगी EMI
लोन अमाउंट | पुरानी ब्याज दर (8.75%) | नई ब्याज दर (8.50%) | मासिक बचत | सालाना बचत |
---|---|---|---|---|
₹25 लाख | ₹22,093 | ₹21,696 | ₹397 | ₹4,764 |
₹50 लाख | ₹44,986 | ₹44,186 | ₹800 | ₹9,600 |
₹1 करोड़ | ₹88,371 | ₹86,782 | ₹1,589 | ₹19,068 |
नोट:
- यह गणना 20 साल के लोन टेन्योर और फ्लोटिंग रेट पर आधारित है।
- EMI कम करने के बजाय लोन अवधि घटाने पर ब्याज में और बचत होगी।
कार लोन पर EMI में कमी
पैरामीटर | पुरानी दर (9.10%) | नई दर (8.85%) | बचत |
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मासिक EMI | ₹20,807 | ₹20,686 | ₹121 |
कुल ब्याज | ₹2,48,415 | ₹2,41,138 | ₹7,277 |
पर्सनल लोन पर असर
पर्सनल लोन की ब्याज दरें आमतौर पर 10-15% होती हैं। 0.25% की कटौती से ₹5 लाख के लोन पर ₹1,200 सालाना बचत होगी।
EMI कैसे कम होती है? समझें गणित
ईएमआई की गणना निम्न फॉर्मूले से की जाती है:
EMI = [P × R × (1+R)^N] / [(1+R)^N−1]
जहाँ:
- P = मूल लोन राशि
- R = मासिक ब्याज दर (सालाना दर ÷ 12)
- N = किश्तों की संख्या
उदाहरण: ₹50 लाख का होम लोन, 8.75% ब्याज, 20 साल (240 महीने)
- R = 8.75% ÷ 12 = 0.729%
- EMI = [50,00,000 × 0.00729 × (1+0.00729)^240] / [(1+0.00729)^240−1] = ₹44,986
0.25% कटौती के बाद:
- नई दर = 8.50% → R = 0.708%
- EMI = ₹44,186 (₹800 प्रति माह बचत)
एक्सपर्ट्स की राय: क्या कहते हैं जानकार?
- अश्विनी राणा (वॉयस ऑफ बैंकिंग): “RBI का यह कदम मिडिल क्लास के लिए वरदान है। EMI कम होने से लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।”
- प्रवीण खंडेलवाल (CAIT): “इससे व्यापार और उपभोक्ताओं को सस्ता कर्ज मिलेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।”
लोन यूजर्स के लिए जरूरी टिप्स
- फ्लोटिंग रेट चुनें: अगर आप नया लोन ले रहे हैं, तो फ्लोटिंग रेट का विकल्प चुनें।
- EMI न घटाएं: अगर EMI कम होती है, तो लोन अवधि वही रखें। इससे लोन जल्दी खत्म होगा।
- प्री-पेमेंट करें: अतिरिक्त पैसा लगाकर लोन जल्दी चुकाएं।
- बैंक से बात करें: अगर आपका लोन पुराने MCLR पर है, तो बैंक से नई दर अपडेट करवाएं।
निष्कर्ष
आरबीआई की रेपो रेट कटौती से लोन लेने वालों को सीधा फायदा मिला है। होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन की EMI कम होने से मासिक बजट में राहत मिलेगी। हालांकि, फिक्स्ड रेट वाले लोन धारकों को यह लाभ नहीं मिलेगा। अगर आप नया लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यह सही समय है। बैंकों से ब्याज दरों की तुलना करें और सबसे सस्ता विकल्प चुनें।
डिस्क्लेमर (असली सच्चाई)
- सच: RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है। यह 7 फरवरी 2025 से प्रभावी है।
- किसे फायदा: फ्लोटिंग रेट वाले लोन धारकों को EMI में कमी का लाभ मिलेगा।
- क्या करें: अपने बैंक से संपर्क करके नई ब्याज दर की पुष्टि करें।
- चेतावनी: फिक्स्ड रेट लोन वालों की EMI नहीं बदलेगी।