Bad News for FD Investors: अब इस बैंक ने भी घटाया Interest Rate – जानिए नई ब्याज दरें और विकल्प

आज के समय में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) निवेशकों के लिए ब्याज दरों में कमी की खबरें चिंता का विषय बन गई हैं। कई प्रमुख बैंकों ने हाल ही में अपनी FD ब्याज दरों में कटौती की है, जो खासकर उन निवेशकों के लिए बुरी खबर है जो सुरक्षित और स्थिर रिटर्न के लिए FD में पैसा लगाते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों ने अपनी ब्याज दरों को घटाना शुरू कर दिया है। इससे FD निवेशकों को मिलने वाला मुनाफा कम हो गया है। खासकर उन लोगों के लिए यह बदलाव महत्वपूर्ण है जो छोटी या मध्यम अवधि के लिए FD करते हैं।

बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती का असर सीधे तौर पर निवेशकों की बचत पर पड़ता है। जैसे-जैसे RBI रेपो रेट घटाता है, बैंक भी अपनी FD दरों को कम करते हैं ताकि वे कम लागत पर कर्ज ले सकें। इस बार आईडीबीआई बैंक, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक, SBI, बैंक ऑफ इंडिया समेत कई बैंकों ने ब्याज दरें घटाई हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि कौन-कौन से बैंक कितनी कटौती कर रहे हैं और नई दरें क्या हैं।

FD Interest Rate Reduction

बैंक का नामअवधि (Months/Days)पहले की ब्याज दर (%)नई ब्याज दर (%)कटौती की मात्रा (%)लागू होने की तारीख
आईडीबीआई बैंक444 दिन7.357.250.1016 अप्रैल 2025
आईडीबीआई बैंक555 दिन7.407.300.1016 अप्रैल 2025
आईडीबीआई बैंक700 दिन7.207.000.2016 अप्रैल 2025
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक12-18 महीने8.107.900.2024 अप्रैल 2025
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक18 महीने8.258.050.2024 अप्रैल 2025
SBI1-2 साल6.806.700.1015 अप्रैल 2025
बैंक ऑफ इंडिया91-179 दिन4.504.250.2515 अप्रैल 2025
बैंक ऑफ इंडिया1 साल7.006.800.2015 अप्रैल 2025

FD निवेशकों के लिए बुरी खबर: ब्याज दरों में कटौती का असर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 6.25% से घटाकर 6.00% कर दिया है। रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। इस कटौती के बाद बैंकों ने अपनी FD ब्याज दरों को कम करना शुरू कर दिया है ताकि वे अपने कर्ज की लागत को कम कर सकें। इस प्रक्रिया में कई बैंक जैसे आईडीबीआई, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक, SBI, बैंक ऑफ इंडिया, YES बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक ने FD की ब्याज दरों में कटौती की है।

उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक ने 12 से 18 महीने की FD पर ब्याज दर 8.10% से घटाकर 7.90% कर दी है। इसी तरह 18 महीने की FD पर ब्याज दर 8.25% से घटाकर 8.05% कर दी गई है। आईडीबीआई बैंक ने 444 दिन, 555 दिन और 700 दिन की FD पर ब्याज दरों में क्रमशः 0.10% से 0.20% तक की कटौती की है। SBI ने भी 1 से 2 साल की FD पर ब्याज दर 6.80% से घटाकर 6.70% कर दी है।

यह कटौती खासतौर पर उन निवेशकों को प्रभावित करेगी जो FD में सुरक्षित निवेश कर नियमित आय पर निर्भर हैं। ब्याज दर कम होने से निवेशकों को मिलने वाला रिटर्न भी कम हो जाएगा। खासकर छोटे और मध्यम अवधि के FD पर यह असर ज्यादा होगा, क्योंकि लंबी अवधि के FD पर ब्याज दरों में ज्यादा स्थिरता बनी रहती है।

FD ब्याज दरों में कटौती के कारण

  • RBI की रेपो रेट में कटौती: RBI ने लगातार दो मौद्रिक नीति बैठकों में रेपो रेट में 25-25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है, जिससे बैंकों की कर्ज लागत कम हुई है। इसका सीधा असर FD ब्याज दरों पर पड़ता है।
  • बैंकिंग सेक्टर में प्रतिस्पर्धा: बैंक अपनी ब्याज दरों को बाजार की स्थिति और RBI की नीतियों के अनुसार समायोजित करते हैं ताकि वे लाभप्रद रह सकें।
  • मुद्रास्फीति में कमी: मुद्रास्फीति कम होने से RBI ब्याज दरों में कटौती करता है, जिससे FD की दरों में भी कमी आती है।

FD निवेशकों के लिए सुझाव

  • लंबी अवधि के FD चुनें: शॉर्ट टर्म FD पर ब्याज दरें ज्यादा प्रभावित हो रही हैं, इसलिए लंबी अवधि के FD में निवेश करना बेहतर होगा।
  • ब्याज दरों की तुलना करें: निवेश से पहले विभिन्न बैंकों की नई FD दरों की तुलना जरूर करें।
  • पोर्टफोलियो में विविधता: निवेश को विभिन्न अवधि और विभिन्न बैंक में बांटकर जोखिम कम करें।
  • सीनियर सिटीजन के लिए विशेष योजनाएं: कई बैंक सीनियर सिटीजन को बेहतर ब्याज दरें देते हैं, उनका लाभ उठाएं।

FD ब्याज दरों में कटौती का सारांश

बैंक FD निवेशकों के लिए ब्याज दरों में कटौती का दौर जारी है, जो RBI की मौद्रिक नीति के अनुरूप है। इससे निवेशकों को मिलने वाला रिटर्न कम होगा, खासकर शॉर्ट टर्म FD पर। हालांकि, FD अभी भी सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश विकल्प है, लेकिन निवेशकों को अपनी निवेश रणनीति में बदलाव करना होगा।

निष्कर्ष

बैंकों द्वारा FD ब्याज दरों में कटौती निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। यह कटौती RBI की रेपो रेट में कमी के कारण हुई है और आने वाले समय में और भी कटौती हो सकती है। इसलिए FD निवेशकों को चाहिए कि वे अपनी निवेश योजना को पुनः मूल्यांकन करें, लंबी अवधि के FD पर ध्यान दें और विभिन्न बैंकों की दरों की तुलना करें। साथ ही, अपने निवेश को विविधता देकर जोखिम को कम करें।

Disclaimer: यह जानकारी बाजार की वर्तमान स्थिति और बैंकिंग नीतियों पर आधारित है। FD ब्याज दरों में बदलाव समय-समय पर होता रहता है।

निवेश से पहले बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या शाखा से नवीनतम जानकारी अवश्य प्राप्त करें। यह खबर वास्तविक है और विभिन्न प्रमुख बैंकों के ब्याज दरों में हाल ही में हुई कटौती पर आधारित है।

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