Abua Awas Yojana: अब बिना देरी मिलेगी ₹2 लाख की सहायता राशि, नया ऐप लॉन्च

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Abua Awas Yojana App

झारखंड सरकार ने राज्य के गरीब और बेघर नागरिकों के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना, अबुआ आवास योजना (Abua Awas Yojana), शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य उन परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना है, जिन्हें पहले की सरकारी आवास योजनाओं का लाभ नहीं मिला था। यह योजना झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें स्थायी आवास प्रदान करने के लिए बनाई गई है।

हाल ही में, झारखंड सरकार ने इस योजना के तहत किस्तों के वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप लाभार्थियों को उनके निर्माणाधीन घरों का जियो-टैग करने और निर्माण की प्रगति को ट्रैक करने में मदद करेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किस्तें केवल तभी जारी हों जब निर्माण कार्य निर्धारित मील के पत्थर तक पहुंचे।

Abua Awas Yojana

योजना का नामअबुआ आवास योजना (Abua Awas Yojana)
शुरुआत की तारीख15 अगस्त 2023
उद्देश्यगरीब और बेघर नागरिकों को पक्का मकान उपलब्ध कराना
लाभार्थीझारखंड के गरीब और बेघर नागरिक
वित्तीय सहायता राशि₹2 लाख (चार या पांच किस्तों में)
निर्माण क्षेत्र31 वर्ग मीटर
संचालक विभागग्रामीण विकास विभाग, झारखंड सरकार
कुल बजट₹16,320 करोड़ (तीन चरणों में)

अबुआ आवास योजना क्या है?

अबुआ आवास योजना झारखंड सरकार द्वारा 15 अगस्त 2023 को शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के गरीब और बेघर नागरिकों को तीन कमरों वाला पक्का मकान प्रदान करना है। यह योजना उन लोगों को प्राथमिकता देती है जो प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हुए हैं, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG), और जिनके पास अपना घर नहीं है।

योजना का मुख्य उद्देश्य

  • गरीब और बेघर परिवारों को स्थायी आवास प्रदान करना।
  • पिछली योजनाओं से वंचित लाभार्थियों को शामिल करना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना।
  • पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करना।

योजना की प्रमुख विशेषताएं

  1. पक्का मकान: लाभार्थियों को तीन कमरों वाला पक्का मकान दिया जाएगा जिसमें रसोईघर, बाथरूम, और शौचालय जैसी सुविधाएं होंगी।
  2. वित्तीय सहायता: प्रत्येक परिवार को घर बनाने के लिए ₹2 लाख की राशि चार या पांच किस्तों में दी जाएगी।
  3. जियो-टैगिंग ऐप: मोबाइल ऐप के माध्यम से निर्माण कार्य की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
  4. रोजगार सृजन: निर्माण कार्य के दौरान मनरेगा (MGNREGA) के तहत 95 दिनों का रोजगार भी प्रदान किया जाएगा।
  5. किस्त वितरण: हर महीने एक निश्चित दिन (बुधवार) पर लंबित किस्तें जारी की जाएंगी।
  6. सुविधा युक्त कॉलोनी: मकानों का निर्माण क्लस्टर मॉडल पर होगा, जहां सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

जियो-टैगिंग ऐप: पारदर्शिता और समयबद्धता

  1. निर्माण प्रगति की निगरानी: लाभार्थी अपने निर्माणाधीन घरों को जियो-टैग कर सकते हैं, जिससे सरकारी अधिकारी निर्माण कार्य की प्रगति देख सकें।
  2. पारदर्शिता सुनिश्चित करना: केवल उन्हीं लाभार्थियों को किस्तें जारी होंगी जिनके निर्माण कार्य सत्यापित होंगे।
  3. समयबद्ध भुगतान: प्रत्येक पंचायत में लाभार्थियों को समूहों में बांटा जाएगा, और उनकी किस्तें समय पर जारी होंगी।
  4. ऑनलाइन शिकायत निवारण: लाभार्थी ऐप के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।

ऐप कैसे काम करता है?

  • लाभार्थी को मोबाइल नंबर रजिस्टर करना होगा।
  • जियो-टैगिंग डेटा पंचायत सेवक द्वारा सात दिनों के भीतर सत्यापित किया जाएगा।
  • सत्यापन के बाद ही अगली किस्त जारी होगी।

पात्रता मानदंड

  1. झारखंड का स्थायी निवासी होना चाहिए।
  2. निम्नलिखित श्रेणियों में से किसी एक में आना चाहिए:
    • कच्चे मकान में रहने वाले परिवार।
    • विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG)।
    • प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवार।
    • बंधुआ मजदूरी से मुक्त व्यक्ति।

अपात्रता मानदंड

  1. यदि परिवार पहले से किसी अन्य आवास योजना (जैसे पीएम आवास योजना) का लाभार्थी है।
  2. यदि परिवार के पास पक्का मकान, चार पहिया वाहन, या कृषि उपकरण हैं।
  3. यदि परिवार आयकर दाता है या सरकारी कर्मचारी है।

आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन आवेदन:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://aay.jharkhand.gov.in।
  2. आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें और आवश्यक जानकारी भरें।
  3. दस्तावेज़ अपलोड करें और फॉर्म सबमिट करें।

ऑफलाइन आवेदन:

  1. पंचायत कार्यालय या ब्लॉक कार्यालय से फॉर्म प्राप्त करें।
  2. फॉर्म भरने के बाद सभी आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
  3. संबंधित कार्यालय में फॉर्म जमा करें।

आवश्यक दस्तावेज़

  1. आधार कार्ड
  2. निवास प्रमाण पत्र
  3. आय प्रमाण पत्र
  4. बैंक खाता विवरण
  5. जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)

किस्त वितरण प्रक्रिया

किस्त संख्याराशि (%)शर्तें
पहली किस्त₹30,000 (15%)आवेदन स्वीकृति पत्र प्राप्त होने पर
दूसरी किस्त₹50,000 (25%)नींव डालने का काम पूरा होने पर
तीसरी किस्त₹70,000 (35%)छत डालने का काम पूरा होने पर
चौथी किस्त₹50,000 (25%)घर पूरी तरह बन जाने पर

अबुआ आवास योजना के लाभ

  1. बेहतर जीवन स्तर: पक्का मकान मिलने से गरीब परिवारों का जीवन स्तर सुधरेगा।
  2. आर्थिक सुरक्षा: वित्तीय सहायता सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
  3. सामाजिक समावेशन: यह योजना समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करती है।

निष्कर्ष

अबुआ आवास योजना झारखंड सरकार द्वारा एक सराहनीय पहल है जो राज्य के गरीब और बेघर नागरिकों को स्थायी आवास प्रदान करने का लक्ष्य रखती है। जियो-टैगिंग ऐप जैसे तकनीकी उपाय इसे अधिक प्रभावी बनाते हैं। हालांकि, यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि सभी पात्र लाभार्थियों तक इसका लाभ पहुंचे।

Disclaimer: यह लेख अबुआ आवास योजना पर आधारित जानकारी प्रदान करता है। कृपया ध्यान दें कि आवेदन प्रक्रिया और पात्रता मानदंड समय-समय पर बदल सकते हैं। अधिकृत जानकारी के लिए संबंधित सरकारी कार्यालय या वेबसाइट पर संपर्क करें।

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