आज के समय में लोन लेना आम बात हो गई है, चाहे वह घर खरीदने के लिए हो, बिजनेस शुरू करने के लिए या फिर किसी इमरजेंसी के लिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका CIBIL स्कोर लोन की रकम और ब्याज दर को सीधे तौर पर प्रभावित करता है? अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है, तो आपको लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है या फिर आपको ज्यादा ब्याज दर चुकानी पड़ सकती है। उदाहरण के लिए, 50 लाख रुपये का होम लोन लेने पर खराब स्कोर वाले लोगों को 19 लाख रुपये तक का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ सकता है।
सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, और इसे आपका फाइनेंशियल रिपोर्ट कार्ड माना जाता है। अगर आपका स्कोर 750 से ऊपर है, तो आपको बेहतर ब्याज दरों पर लोन मिलता है। वहीं, 550 से नीचे का स्कोर आपकी क्रेडिट योग्यता को खराब कर देता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे एक अच्छा सिबिल स्कोर आपको लाखों रुपये बचा सकता है और खराब स्कोर आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है।
CIBIL Score Rules
पैरामीटर | विवरण |
स्कोर रेंज | 300-900 (900 सर्वोत्तम) |
अच्छा स्कोर | 750+ (बेहतर लोन ऑफर और कम ब्याज दर) |
औसत स्कोर | 550-650 (लोन मिलने में समस्या हो सकती है) |
खराब स्कोर | 300-550 (लोन मिलने में कठिनाई या ज्यादा ब्याज दर) |
स्कोर प्रभावित करने वाले कारक | क्रेडिट यूटिलाइजेशन, पेमेंट हिस्ट्री, लोन टेन्योर, क्रेडिट मिक्स |
लोन पर असर | स्कोर जितना कम, उतनी ज्यादा ब्याज दर और कम लोन अमाउंट |
सुधार के तरीके | समय पर EMI भरें, क्रेडिट कार्ड बैलेंस कम रखें, क्रेडिट मिक्स में सुधार |
CIBIL रिपोर्ट चेक करने की फ्रीक्वेंसी | साल में कम से कम एक बार |
खराब CIBIL स्कोर का लोन पर क्या असर होता है?
उदाहरण:
अगर आप 50 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए लेते हैं, तो आपके सिबिल स्कोर के आधार पर ब्याज की रकम में 19 लाख रुपये तक का अंतर आ सकता है।
- स्कोर 820: 8.35% ब्याज दर → कुल भुगतान 1.03 करोड़ (53 लाख ब्याज)
- स्कोर 580: 10.75% ब्याज दर → कुल भुगतान 1.21 करोड़ (71.82 लाख ब्याज)
इस तरह, खराब स्कोर वाले लोगों को 18.82 लाख रुपये ज्यादा चुकाने पड़ते हैं।
खराब CIBIL स्कोर के मुख्य कारण
- EMI या क्रेडिट कार्ड बिल न चुकाना: एक भी मिस्ड पेमेंट स्कोर को 50-100 पॉइंट तक गिरा सकती है।
- हाई क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो: अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो स्कोर प्रभावित होता है।
- लोन रिजेक्शन के बार-बार अप्लाई करना: हर नई एप्लीकेशन से स्कोर 5-10 पॉइंट कम होता है।
- को-साइनर या गारंटर बनना: अगर कोई व्यक्ति जिसके लिए आप गारंटर हैं, लोन नहीं चुकाता, तो आपका स्कोर भी गिरेगा।
CIBIL स्कोर सुधारने के आसान तरीके
- समय पर बिल भरें: पेमेंट हिस्ट्री स्कोर का 35% हिस्सा होती है।
- क्रेडिट कार्ड बैलेंस कम रखें: 30% यूटिलाइजेशन से कम रखने पर स्कोर बेहतर होता है।
- लंबी क्रेडिट हिस्ट्री बनाएं: पुराने क्रेडिट अकाउंट्स को बंद न करें।
- क्रेडिट मिक्स में सुधार: सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन का संतुलन रखें।
- CIBIL रिपोर्ट चेक करते रहें: गलतियों को तुरंत डिस्प्यूट करें।
CIBIL स्कोर और लोन के प्रकार
- पर्सनल लोन: 750+ स्कोर पर 10-12% ब्याज दर मिलती है, वहीं 600 स्कोर पर 18-22% दर लागू हो सकती है।
- होम लोन: 800+ स्कोर वालों को 0.25-0.5% तक की छूट मिलती है।
- क्रेडिट कार्ड: 700+ स्कोर वालों को प्रीमियम कार्ड्स मिलते हैं, जबकि खराब स्कोर वालों को सिक्योर्ड कार्ड ही मिल पाते हैं।
निष्कर्ष
एक अच्छा CIBIL स्कोर न सिर्फ लोन अप्रूवल की संभावना बढ़ाता है, बल्कि लाखों रुपये बचाने में भी मदद करता है। अगर आपका स्कोर 600 से नीचे है, तो आज ही इसे सुधारने के कदम उठाएं। समय पर पेमेंट, क्रेडिट यूटिलाइजेशन कंट्रोल और रिपोर्ट मॉनिटरिंग से आप 6-12 महीने में स्कोर को 100+ पॉइंट्स तक सुधार सकते हैं।
Disclaimer: यह लेख सिबिल स्कोर के वास्तविक प्रभावों पर आधारित है। 50 लाख के लोन पर 19 लाख का अतिरिक्त बोझ वास्तविक उदाहरणों और गणनाओं पर आधारित है, जो ब्याज दरों में अंतर से उत्पन्न होता है।
स्कोर सुधारने के टिप्स सभी के लिए समान रूप से कारगर नहीं हो सकते, क्योंकि यह व्यक्ति की फाइनेंशियल स्थिति पर निर्भर करता है।