नवरात्रि के दूसरे दिन सोने और चांदी के भाव में उल्लेखनीय तेजी देखने को मिली है। त्योहारी सीजन में कीमती धातुओं की मांग बढ़ने से बाजार में उछाल आया है, जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। वैश्विक स्तर पर भी सोने की कीमतों में वृद्धि देखी गई है, जो कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनावों का परिणाम है।इस वर्ष की शुरुआत से ही सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह वृद्धि केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सोने की मांग में बढ़ोतरी हुई है।
विशेष रूप से, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद में वृद्धि और निवेशकों द्वारा सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने को प्राथमिकता देने से इसकी कीमतों में तेजी आई है।भारतीय बाजार में, नवरात्रि और आगामी दिवाली त्योहार के कारण सोने और चांदी की मांग में और अधिक वृद्धि होने की उम्मीद है। परंपरागत रूप से, इस समय सोना खरीदना शुभ माना जाता है, जिससे खुदरा ग्राहकों की ओर से मांग बढ़ जाती है। इसके अलावा, शादी के सीजन की शुरुआत भी सोने की मांग को बढ़ावा दे रही है।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति सोने की कीमतों को प्रभावित कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती की संभावना से सोने की कीमतों में और तेजी आ सकती है।आइए अब विस्तार से जानते हैं आज के ताजा रेट और बाजार की स्थिति, साथ ही विश्लेषण करते हैं कि आने वाले समय में सोने और चांदी की कीमतों में क्या उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
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सोने के दाम में वृद्धि
4 अक्टूबर 2024 को 24 कैरेट शुद्ध सोने का भाव 77,670 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो कल 77,560 रुपये था। इस प्रकार एक दिन में ही सोने के दाम में 110 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। वहीं 22 कैरेट सोने की कीमत 71,250 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है।
चांदी के दाम में भी उछाल
चांदी के भाव में भी तेजी देखने को मिली है। आज एक किलो चांदी की कीमत जीएसटी समेत 95,054 रुपये तक पहुंच गई है। यह पिछले दिनों की तुलना में काफी अधिक है।
प्रमुख शहरों में सोने के दाम
शहर | 24 कैरेट (प्रति 10 ग्राम) | 22 कैरेट (प्रति 10 ग्राम) |
---|---|---|
दिल्ली | 76,010 रुपये | 69,680 रुपये |
मुंबई | 76,140 रुपये | 69,795 रुपये |
कोलकाता | 76,040 रुपये | 69,705 रुपये |
चेन्नई | 76,370 रुपये | 70,005 रुपये |
एमसीएक्स पर सोने-चांदी की स्थिति
- सोना: 168 रुपये बढ़कर 75,687 रुपये प्रति 10 ग्राम
- चांदी: 495 रुपये बढ़कर 92,870 रुपये प्रति किलोग्राम
सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक
- त्योहारी सीजन में मांग में वृद्धि
- वैश्विक बाजार में अस्थिरता
- डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी
- केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद
- भू-राजनीतिक तनाव
विशेषज्ञों की राय
हेनरी योशिदा, प्रमाणित वित्तीय योजनाकार और रॉकेट डॉलर के सह-संस्थापक का मानना है कि “सोने की कीमतें लगातार बढ़ती रहेंगी।” वे केंद्रीय बैंक की खरीद और फेड द्वारा दरों में कटौती की संभावना को इसका प्रमुख कारण मानते हैं।
विल रिंड, ग्रेनाइटशेयर्स के सीईओ, ऐतिहासिक रुझानों से प्रेरणा लेते हैं। उनका कहना है, “2020 के बाद से, 50 आधार अंकों की दर कटौती के बाद के छह महीनों में सोने की कीमतों में औसतन 8.5% की वृद्धि हुई है।”
जेरी प्रायर, माउंट लुकास मैनेजमेंट के सीओओ और वरिष्ठ पोर्टफोलियो प्रबंधक का मानना है कि अक्टूबर में सोने की कीमत 2,600 से 2,700 डॉलर प्रति औंस के बीच स्थिर रहेगी।
निवेशकों के लिए सुझाव
- सोने को अपने निवेश पोर्टफोलियो का हिस्सा बनाएं
- लंबी अवधि के निवेश के रूप में सोने को देखें
- फिजिकल गोल्ड या गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने पर विचार करें
- डॉलर कॉस्ट एवरेजिंग जैसी रणनीतियों का उपयोग करें
- किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें
भविष्य का दृष्टिकोण
विशेषज्ञों का मानना है कि अक्टूबर में सोने की कीमतें 2,600 से 2,800 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती हैं। यह अनुमान वर्ष की शुरुआत से सोने की प्रभावशाली वृद्धि पर आधारित है।
निवेशकों को नौकरी बाजार के आंकड़ों और अमेरिकी डॉलर के प्रदर्शन पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि ये कारक सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
निष्कर्ष
नवरात्रि और आगामी त्योहारी सीजन के कारण सोने और चांदी की मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के कारण निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं।
हालांकि, निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए और अपने निवेश निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए। सोने को एक दीर्घकालिक निवेश और पोर्टफोलियो के विविधीकरण के साधन के रूप में देखा जाना चाहिए।
आने वाले दिनों में बाजार की गतिविधियों और वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि ये कीमती धातुओं की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने से कीमतों में और तेजी आ सकती है, लेकिन लंबी अवधि में कई कारक इसे प्रभावित करेंगे।
अंत में, सोने और चांदी में निवेश करते समय अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता को ध्यान में रखना चाहिए। एक संतुलित और विविध पोर्टफोलियो बनाए रखना महत्वपूर्ण है, जिसमें सोना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।