पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भारत सरकार द्वारा संचालित एक लोकप्रिय निवेश योजना है, जो सुरक्षित और दीर्घकालिक वित्तीय योजना प्रदान करती है। यह योजना 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आती है और निवेशकों को कर लाभ, आकर्षक ब्याज दर, और सुरक्षित रिटर्न देती है। PPF खाते की मैच्योरिटी अवधि पूरी होने के बाद निवेशकों के पास कई विकल्प होते हैं। इस लेख में हम PPF खाते की मैच्योरिटी के बाद उपलब्ध विकल्पों को विस्तार से समझेंगे।
PPF खाते की मुख्य विशेषताएं
ब्याज दर | 7.1% वार्षिक (2023-24) |
अवधि | 15 साल (5 साल के ब्लॉक में बढ़ाई जा सकती है) |
न्यूनतम निवेश | ₹500 प्रति वर्ष |
अधिकतम निवेश | ₹1.5 लाख प्रति वर्ष |
टैक्स लाभ | धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट |
मैच्योरिटी पर विकल्प | पूरी राशि निकालें, योगदान के साथ/बिना योगदान के खाता बढ़ाएं |
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) क्या है?
पीपीएफ एक दीर्घकालिक निवेश योजना है, जिसमें 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है। इस खाते में न्यूनतम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष जमा किए जा सकते हैं। इस पर वर्तमान में 7.1% वार्षिक ब्याज मिलता है। मैच्योरिटी के बाद, निवेशक अपनी राशि निकाल सकते हैं या खाते को आगे बढ़ा सकते हैं।
मैच्योरिटी के बाद PPF खाते के विकल्प
1. पूरी राशि निकालना
यदि आप 15 साल की अवधि पूरी होने के बाद अपनी जमा राशि का उपयोग करना चाहते हैं, तो आप पूरी राशि निकाल सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर एक फॉर्म भरना होगा।
प्रक्रिया:
- फॉर्म C भरें और जमा करें।
- पासबुक और कैंसल्ड चेक जमा करें।
- बैंक या पोस्ट ऑफिस वेरिफिकेशन के बाद राशि आपके सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
2. योगदान के साथ खाता बढ़ाना
यदि आप मैच्योरिटी के बाद भी निवेश जारी रखना चाहते हैं, तो आप खाते को 5 साल के ब्लॉक में बढ़ा सकते हैं।
प्रमुख बातें:
- आपको फॉर्म H भरकर जमा करना होगा।
- न्यूनतम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष जमा कर सकते हैं।
- इस विकल्प का चयन करने पर आप बैलेंस का अधिकतम 60% तक निकाल सकते हैं।
3. बिना योगदान के खाता बढ़ाना
अगर आप नया निवेश नहीं करना चाहते लेकिन मौजूदा बैलेंस पर ब्याज अर्जित करना चाहते हैं, तो आप बिना योगदान के खाता बढ़ा सकते हैं।
प्रमुख बातें:
- कोई नया पैसा जमा नहीं करना होगा।
- खाता डिफ़ॉल्ट रूप से बढ़ जाता है यदि कोई विकल्प नहीं चुना गया हो।
- हर वित्तीय वर्ष में एक बार निकासी की अनुमति होती है।
PPF एक्सटेंशन: योगदान बनाम बिना योगदान
विवरण | योगदान के साथ एक्सटेंशन | बिना योगदान एक्सटेंशन |
---|---|---|
नया पैसा जमा | हां | नहीं |
ब्याज अर्जित | हां | हां |
निकासी सीमा | बैलेंस का 60% तक | कुल बैलेंस तक |
प्रक्रिया | फॉर्म H भरना आवश्यक | कोई फॉर्म आवश्यक नहीं |
मैच्योरिटी पर निर्णय कैसे लें?
- यदि आपको तत्काल धनराशि की आवश्यकता है, तो पूरी राशि निकाल लें।
- यदि आप कर-मुक्त रिटर्न चाहते हैं और भविष्य में नियमित निवेश जारी रखना चाहते हैं, तो योगदान के साथ खाता बढ़ाएं।
- यदि आप केवल मौजूदा बैलेंस पर ब्याज अर्जित करना चाहते हैं, तो बिना योगदान का विकल्प चुनें।
PPF खाते से जुड़े अन्य नियम
- यदि मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालना हो, तो केवल इमरजेंसी कारणों (जैसे मेडिकल या शिक्षा) पर अनुमति मिलती है।
- समय से पहले बंद करने पर कुछ शर्तें लागू होती हैं।
- यदि सही विकल्प का चयन किए बिना खाता जारी रखा जाता है, तो उसमें जमा राशि पर ब्याज नहीं मिलेगा।
निवेश जारी रखने के फायदे
- कर-मुक्त रिटर्न: PPF पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है।
- EEE स्टेटस: यह योजना “एक्सेम्प्ट-एक्सेम्प्ट-एक्सेम्प्ट” श्रेणी में आती है।
- लंबी अवधि का फायदा: PPF को कई बार 5 साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है।
निष्कर्ष
PPF एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश योजना है जो आपको दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। मैच्योरिटी अवधि पूरी होने पर आपके पास तीन विकल्प होते हैं—पूरी राशि निकालना, योगदान के साथ खाता बढ़ाना, या बिना योगदान के खाता जारी रखना। प्रत्येक विकल्प आपके वित्तीय लक्ष्यों और आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है।
यदि आपको तत्काल धनराशि की आवश्यकता नहीं है, तो PPF खाते को एक्सटेंड करना बेहतर होता है क्योंकि यह कर-मुक्त रिटर्न प्रदान करता है। युवा निवेशकों को विशेष रूप से इसे लंबे समय तक जारी रखने की सलाह दी जाती है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने हेतु लिखा गया है। PPF से जुड़े सभी नियमों और प्रक्रियाओं को बैंक या पोस्ट ऑफिस से सत्यापित करें।