UPI New Rule 2025: NPCI का बड़ा फैसला, इन यूजर्स के नंबर बैंक करेंगे डिलीट

Published On:
UPI New Rule

भारत में डिजिटल भुगतान का सबसे लोकप्रिय माध्यम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) है। इसकी मदद से लोग आसानी से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन अब, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI को और सुरक्षित बनाने के लिए कुछ नए नियम लागू करने का फैसला किया है।

ये नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। इन बदलावों का उद्देश्य UPI लेनदेन को अधिक सुरक्षित और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना है। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।

UPI New Rule

लागू होने की तिथि1 अप्रैल 2025
मोबाइल नंबर अपडेटबंद या रीसाइकल किए गए नंबर हटाए जाएंगे
साप्ताहिक डेटाबेस अपडेटबैंकों द्वारा हर सप्ताह डेटा रिफ्रेश करना अनिवार्य
स्पष्ट सहमति आवश्यकUPI ऐप्स को उपयोगकर्ताओं से सहमति लेनी होगी
मासिक रिपोर्टिंगसभी बैंक NPCI को मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे
UPI लाइट सीमा₹500 से बढ़ाकर ₹1000 (प्रस्तावित)
इंटरनेशनल UPI सुविधाविदेश यात्रा के दौरान भी UPI का उपयोग संभव

UPI के नए नियम: क्या है मुख्य बदलाव?

एनपीसीआई ने बैंकों और UPI सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया है कि वे उन मोबाइल नंबरों को सिस्टम से हटा दें जो बंद हो चुके हैं या किसी और को फिर से जारी किए गए हैं। इस कदम का उद्देश्य गलत लेनदेन को रोकना और उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

नियमों का मुख्य उद्देश्य

  • गलत ट्रांजैक्शन रोकना: पुराने या बंद मोबाइल नंबरों के कारण होने वाले गलत लेनदेन पर रोक लगाई जाएगी।
  • डेटाबेस अपडेट: बैंकों को हर सप्ताह अपने सिस्टम को अपडेट करना होगा।
  • सुरक्षा बढ़ाना: UPI सिस्टम को धोखाधड़ी से बचाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।

मोबाइल नंबर हटाने का कारण

एनपीसीआई ने यह बदलाव इसलिए किया है क्योंकि कई बार बंद या रीसाइकल किए गए मोबाइल नंबरों पर लेनदेन होते हैं, जिससे गलत व्यक्ति तक पैसा पहुंच सकता है।

मुख्य कारण

  • बंद मोबाइल नंबरों पर ट्रांजैक्शन की समस्या।
  • पुराने नंबरों के कारण धोखाधड़ी की संभावना।
  • डेटा प्रबंधन और सुरक्षा में सुधार।

यूजर्स के लिए जरूरी बातें

  • मोबाइल नंबर अपडेट करें: यदि आपका मोबाइल नंबर बदल गया है, तो उसे तुरंत बैंक और UPI ऐप्स में अपडेट करें।
  • UPI ऐप्स पर सहमति दें: अब उपयोगकर्ताओं को अपने मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए स्पष्ट सहमति देनी होगी।
  • सुरक्षा उपाय अपनाएं: अपने UPI PIN और अन्य संवेदनशील जानकारी गोपनीय रखें।

बैंकों और UPI सेवा प्रदाताओं की जिम्मेदारी

  1. हर सप्ताह मोबाइल नंबरों की सूची अपडेट करनी होगी।
  2. मासिक आधार पर NPCI को रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
  3. उपयोगकर्ताओं से सहमति लेने की प्रक्रिया पारदर्शी बनानी होगी।
  4. असफल ट्रांजैक्शन को कम करने के लिए सिस्टम अपग्रेड करना होगा।

UPI ऐप्स में बदलाव

अब कोई भी UPI ऐप बिना उपयोगकर्ता की अनुमति के मोबाइल नंबर सेव या पोर्ट नहीं कर सकेगा। इसके लिए निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं:

  • उपयोगकर्ता को ऑप्ट-इन विकल्प मिलेगा।
  • सहमति लेने की प्रक्रिया बाधारहित होगी।
  • डिफॉल्ट रूप से कोई भी नंबर सेव नहीं किया जाएगा।

UPI यूजर्स के लिए सावधानियां

  • समय-समय पर अपने बैंक खाते और UPI ऐप्स में मोबाइल नंबर अपडेट करें।
  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें।
  • केवल आधिकारिक और अपडेटेड UPI ऐप्स का उपयोग करें।
  • लेनदेन करते समय शुल्क और अन्य शर्तें ध्यानपूर्वक पढ़ें।

भविष्य में संभावित बदलाव

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) आधारित सुरक्षा उपाय।
  • ब्लॉकचेन तकनीक का एकीकरण।
  • बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का व्यापक उपयोग।
  • वॉइस-बेस्ड लेनदेन की शुरुआत।

निष्कर्ष

1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये नए नियम न केवल UPI सिस्टम को अधिक सुरक्षित बनाएंगे बल्कि डिजिटल भुगतान प्रणाली में पारदर्शिता भी बढ़ाएंगे। हालांकि शुरुआत में यह बदलाव कुछ उपयोगकर्ताओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन लंबे समय में यह भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य को मजबूत करेगा।

सलाह: सभी उपयोगकर्ता अपने मोबाइल नंबर समय पर अपडेट करें और नए नियमों का पालन करें ताकि उनकी सेवाएं बाधित न हों।

Disclaimer: यह लेख NPCI द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों पर आधारित है। कृपया अपने बैंक या संबंधित सेवा प्रदाता से अधिक जानकारी प्राप्त करें।

Leave a Comment

Join Whatsapp