WhatsApp Safety Features: ‘नीला गोला’ नहीं, WhatsApp के ये 3 फीचर्स रखेंगे आपका अकाउंट सेफ

आज के डिजिटल युग में WhatsApp सिर्फ एक चैटिंग ऐप नहीं, बल्कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। हम अपने दोस्तों, परिवार और ऑफिस के लोगों से जुड़े रहने के लिए व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में अगर हमारा अकाउंट सुरक्षित न रहे तो निजी जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ जाता है।

पिछले कुछ समय से व्हाट्सऐप में Meta AI का ‘नीला गोला’ फीचर बहुत चर्चा में है। लेकिन क्या वाकई यह फीचर आपके अकाउंट को सुरक्षित रखता है? असल में, अकाउंट की सुरक्षा के लिए व्हाट्सऐप ने कुछ बेहद जरूरी और दमदार सेफ्टी फीचर्स लॉन्च किए हैं, जिनके बारे में हर यूजर को पता होना चाहिए।

अगर आप भी व्हाट्सऐप पर अपनी प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर चिंतित हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। यहां हम आपको बताएंगे कि ‘नीला गोला’ नहीं, बल्कि व्हाट्सऐप के ये 3 फीचर्स कैसे आपके अकाउंट को सेफ रखते हैं और इन्हें कैसे एक्टिवेट किया जा सकता है।

WhatsApp Safety Features

टू-स्टेप वेरिफिकेशनअकाउंट लॉगिन के लिए 6 अंकों का पिन, जिससे अनजान व्यक्ति आपके अकाउंट में लॉगिन न कर सके।
Protect IP Address in Callsकॉल्स के दौरान आपकी लोकेशन या IP एड्रेस छुपाता है, जिससे कोई आपको ट्रैक नहीं कर सकता।
ग्रुप प्राइवेसी कंट्रोलतय करें कि कौन आपको ग्रुप में जोड़ सकता है, अनजान लोग बिना अनुमति के ग्रुप में नहीं जोड़ सकते।
अकाउंट प्रोटेक्टनए डिवाइस पर लॉगिन के समय पुराने डिवाइस पर अलर्ट भेजकर अनऑथराइज्ड एक्सेस रोकता है।
डिवाइस वेरिफिकेशनमैलवेयर या अनचाहे सॉफ्टवेयर से अकाउंट की सुरक्षा, बिना किसी मैन्युअल सेटिंग के।
ऑटोमेटिक सिक्योरिटी कोडचैट्स की सिक्योरिटी कोड ऑटोमैटिकली वेरिफाई करता है, जिससे कनेक्शन सुरक्षित रहता है।
लिंक प्रीव्यू डिसेबलचैट में भेजे गए लिंक का प्रीव्यू बंद कर, थर्ड पार्टी वेबसाइट्स से डेटा लीक रोकता है।
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शनमैसेज, कॉल्स और मीडिया को पूरी तरह से एन्क्रिप्ट करता है, जिससे कोई बीच में डेटा न पढ़ सके।

‘नीला गोला’ क्या है और क्यों नहीं करता अकाउंट को सेफ?

हाल ही में व्हाट्सऐप में ‘नीला गोला’ यानी Meta AI का फीचर आया है, जो चैट में एक नीले रंग का गोल आइकन दिखाता है। यह फीचर चैटबॉट की तरह काम करता है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए सवालों के जवाब देता है।

लेकिन ध्यान रखें, यह फीचर सिर्फ चैटिंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए है, न कि अकाउंट की सिक्योरिटी के लिए। कई यूजर्स को लगता है कि ‘नीला गोला’ उनके अकाउंट को हैकिंग या स्कैम से बचाएगा, जबकि असल में ऐसा नहीं है।

असल सुरक्षा के लिए आपको व्हाट्सऐप के उन फीचर्स पर ध्यान देना चाहिए, जो सीधे तौर पर आपके डेटा और प्राइवेसी की रक्षा करते हैं।

WhatsApp के 3 सबसे जरूरी सेफ्टी फीचर्स

1. टू-स्टेप वेरिफिकेशन (Two-Step Verification)

क्या है यह फीचर?
टू-स्टेप वेरिफिकेशन एक एक्स्ट्रा सिक्योरिटी लेयर है, जो आपके व्हाट्सऐप अकाउंट को अनऑथराइज्ड एक्सेस से बचाती है। जब भी कोई आपके मोबाइल नंबर से किसी दूसरे डिवाइस पर व्हाट्सऐप लॉगिन करने की कोशिश करता है, तो उसे 6 अंकों का पिन डालना पड़ता है।

कैसे काम करता है?

  • इस फीचर को ऑन करने के लिए व्हाट्सऐप सेटिंग्स > अकाउंट > टू-स्टेप वेरिफिकेशन पर जाएं।
  • यहां 6 अंकों का पिन सेट करें और एक रिकवरी ईमेल ऐड करें।
  • अब कोई भी आपके नंबर से व्हाट्सऐप लॉगिन करेगा, तो उसे यह पिन डालना जरूरी होगा।
  • अगर आप पिन भूल जाएं, तो ईमेल की मदद से पिन रीसेट कर सकते हैं।

फायदे:

  • हैकर्स या स्कैमर्स आपके अकाउंट को आसानी से एक्सेस नहीं कर सकते।
  • आपकी चैट्स, मीडिया और पर्सनल डेटा सेफ रहते हैं।
  • पिन और ईमेल की वजह से अकाउंट रिकवरी भी आसान हो जाती है।

2. Protect IP Address in Calls (कॉल्स में आईपी एड्रेस प्रोटेक्ट करें)

क्या है यह फीचर?
व्हाट्सऐप कॉल्स के दौरान आपकी लोकेशन या IP एड्रेस छुपाने का फीचर है। कॉलिंग के समय, अक्सर आपकी डिवाइस की लोकेशन या IP एड्रेस सामने वाले को पता चल सकता है। इससे आपकी प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है।

कैसे काम करता है?

  • व्हाट्सऐप सेटिंग्स > प्राइवेसी > एडवांस्ड > Protect IP Address in Calls ऑप्शन को ऑन करें।
  • इसके बाद आपकी सभी कॉल्स व्हाट्सऐप के सर्वर के जरिए जाएंगी।
  • इससे कोई भी आपकी लोकेशन या IP एड्रेस ट्रैक नहीं कर पाएगा।

फायदे:

  • आपकी रियल लोकेशन छुपी रहती है।
  • हैकिंग या ट्रैकिंग के चांस कम हो जाते हैं।
  • कॉलिंग एक्सपीरियंस पूरी तरह से प्राइवेट रहता है।

3. ग्रुप प्राइवेसी कंट्रोल (Group Privacy Control)

क्या है यह फीचर?
पहले कोई भी आपको बिना पूछे किसी भी ग्रुप में जोड़ सकता था। इससे आपके नंबर अनजान लोगों तक पहुंच जाते थे। अब व्हाट्सऐप ने ग्रुप प्राइवेसी कंट्रोल फीचर दिया है, जिससे आप तय कर सकते हैं कि कौन आपको ग्रुप में जोड़ सकता है।

कैसे काम करता है?

  • व्हाट्सऐप सेटिंग्स > प्राइवेसी > ग्रुप्स में जाएं।
  • यहां तीन ऑप्शन मिलेंगे: Everyone, My Contacts, My Contacts Except…
  • आप चुन सकते हैं कि सिर्फ आपके कॉन्टैक्ट्स या कुछ चुनिंदा लोग ही आपको ग्रुप में जोड़ सकें।

फायदे:

  • अनजान लोग आपको ग्रुप में नहीं जोड़ पाएंगे।
  • आपका मोबाइल नंबर सुरक्षित रहेगा।
  • स्पैम और अनवांटेड ग्रुप्स से बचाव होगा।

WhatsApp के नए एडवांस्ड सिक्योरिटी फीचर्स

अकाउंट प्रोटेक्ट (Account Protect)

  • जब भी आप अपना व्हाट्सऐप अकाउंट किसी नए डिवाइस पर ट्रांसफर करते हैं, तो पुराने डिवाइस पर अलर्ट आता है।
  • इससे अगर कोई बिना आपकी जानकारी के आपके अकाउंट को ट्रांसफर करने की कोशिश करता है, तो आपको तुरंत पता चल जाएगा।
  • यह फीचर अनऑथराइज्ड लॉगिन और डेटा चोरी से बचाता है।

डिवाइस वेरिफिकेशन (Device Verification)

  • अगर आपके फोन में कोई मैलवेयर या अनचाहा सॉफ्टवेयर आ जाता है, तो यह फीचर अपने आप एक्टिव हो जाता है।
  • यह चेक करता है कि आपके अकाउंट से कोई अनचाहा मैसेज या डेटा ट्रांसफर तो नहीं हो रहा।
  • आपको कुछ भी मैन्युअली करने की जरूरत नहीं, यह फीचर बैकग्राउंड में चलता है।

ऑटोमेटिक सिक्योरिटी कोड (Automatic Security Codes)

  • आपके और आपके कॉन्टैक्ट के बीच चैट्स की सिक्योरिटी कोड ऑटोमेटिकली वेरिफाई होती रहती है।
  • आप ‘Encryption’ टैब में जाकर देख सकते हैं कि आपकी चैट्स सिक्योर हैं या नहीं।
  • इससे यह पक्का हो जाता है कि आप सही व्यक्ति से ही चैट कर रहे हैं और कोई बीच में डेटा नहीं पढ़ सकता।

WhatsApp में और कौन-कौन से सेफ्टी फीचर्स हैं?

  • एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन: आपके मैसेज, कॉल्स और मीडिया पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड रहते हैं।
  • App Lock: व्हाट्सऐप को फिंगरप्रिंट या फेस लॉक से लॉक कर सकते हैं।
  • Disappearing Messages: चैट्स अपने आप तय समय बाद डिलीट हो जाती हैं।
  • Link Preview Disable: चैट में भेजे गए लिंक का प्रीव्यू डिसेबल कर सकते हैं।
  • Spam Detection: व्हाट्सऐप खुद-ब-खुद स्पैम या स्कैम मैसेज को पहचान लेता है।
  • Privacy Settings: प्रोफाइल फोटो, लास्ट सीन, स्टेटस आदि छुपा सकते हैं।

WhatsApp अकाउंट को सेफ रखने के लिए जरूरी टिप्स

  • व्हाट्सऐप को हमेशा ऑफिशियल ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें।
  • टू-स्टेप वेरिफिकेशन जरूर ऑन करें।
  • अनजान लिंक या फाइल्स डाउनलोड न करें।
  • प्राइवेसी सेटिंग्स को समय-समय पर चेक करते रहें।
  • किसी भी संदिग्ध एक्टिविटी पर तुरंत अकाउंट लॉगआउट करें।

WhatsApp के सेफ्टी फीचर्स: एक तुलना तालिका

फीचर का नामक्या करता है?
टू-स्टेप वेरिफिकेशन6 अंकों का पिन बनाकर अनऑथराइज्ड लॉगिन रोकता है
Protect IP Address in Callsकॉल्स में आपकी लोकेशन/IP छुपाता है
ग्रुप प्राइवेसी कंट्रोलग्रुप में जोड़ने की परमिशन कंट्रोल करता है
अकाउंट प्रोटेक्टनए डिवाइस पर लॉगिन अलर्ट भेजता है
डिवाइस वेरिफिकेशनमैलवेयर से अकाउंट की सुरक्षा करता है
ऑटोमेटिक सिक्योरिटी कोडचैट्स की सिक्योरिटी कोड ऑटोमैटिकली वेरिफाई करता है
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शनमैसेज और कॉल्स को पूरी तरह से एन्क्रिप्ट करता है
App Lockऐप को फिंगरप्रिंट/फेस लॉक से लॉक करता है

इन फीचर्स को कैसे एक्टिवेट करें?

टू-स्टेप वेरिफिकेशन

  1. व्हाट्सऐप खोलें।
  2. ऊपर दाईं ओर तीन डॉट्स पर टैप करें।
  3. Settings > Account > Two-step verification पर जाएं।
  4. Enable पर टैप करें, 6 अंकों का पिन सेट करें और ईमेल ऐड करें।

Protect IP Address in Calls

  1. व्हाट्सऐप खोलें।
  2. Settings > Privacy > Advanced > Protect IP Address in Calls को ऑन करें।

ग्रुप प्राइवेसी कंट्रोल

  1. व्हाट्सऐप खोलें।
  2. Settings > Privacy > Groups में जाएं।
  3. अपनी पसंद के अनुसार ऑप्शन चुनें।

अकाउंट सेफ्टी के लिए अतिरिक्त सुझाव

  • समय-समय पर ऐप अपडेट करते रहें।
  • अनजान नंबर से आए मैसेज या कॉल्स को ब्लॉक करें।
  • अपनी पर्सनल जानकारी किसी के साथ शेयर न करें।
  • व्हाट्सऐप बैकअप को भी एन्क्रिप्टेड रखें।
  • दो डिवाइस पर एक साथ व्हाट्सऐप न चलाएं।

निष्कर्ष

व्हाट्सऐप पर ‘नीला गोला’ यानी Meta AI फीचर सिर्फ चैटिंग को स्मार्ट बनाता है, लेकिन अकाउंट की असली सुरक्षा व्हाट्सऐप के सेफ्टी फीचर्स से ही मिलती है। टू-स्टेप वेरिफिकेशन, Protect IP Address in Calls और ग्रुप प्राइवेसी कंट्रोल जैसे फीचर्स आपके अकाउंट को हैकिंग, ट्रैकिंग और स्पैम से बचाते हैं।

हर यूजर को चाहिए कि ये फीचर्स जरूर एक्टिवेट करें और समय-समय पर अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स चेक करते रहें। याद रखें, डिजिटल दुनिया में सतर्क रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

Disclaimer: यह आर्टिकल पूरी तरह से तथ्यों और व्हाट्सऐप द्वारा जारी किए गए फीचर्स पर आधारित है। ‘नीला गोला’ (Meta AI) अकाउंट को सेफ नहीं रखता, यह सिर्फ एक चैटबॉट फीचर है। असली सुरक्षा के लिए ऊपर बताए गए सेफ्टी फीचर्स को एक्टिवेट करना जरूरी है। किसी भी नए फीचर या अपडेट की जानकारी के लिए व्हाट्सऐप की ऑफिशियल सेटिंग्स और नोटिफिकेशन पर ध्यान दें।

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