बिहार सरकार ने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें से एक प्रमुख पहल है जमाबंदी को आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करना। यह प्रक्रिया न केवल भूमि विवादों को कम करने में मदद करती है, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाने में भी सहायक है। यदि आप बिहार के रैयत (भूमि मालिक) हैं और आपकी जमाबंदी आधार से लिंक नहीं हुई है, तो इसे जल्द से जल्द लिंक कराना अनिवार्य है।
जमाबंदी बिहार के भूमि रिकॉर्ड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे “Record of Rights” भी कहा जाता है। इसमें भूमि मालिक का नाम, भूमि का विवरण, और कानूनी अधिकार जैसी जानकारी दर्ज होती है। इसे आधार से लिंक करने का उद्देश्य भूमि रिकॉर्ड को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है। इस लेख में हम इस प्रक्रिया, इसके फायदे, और इससे जुड़े अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
बिहार भूमि जमाबंदी

योजना का नाम | बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण |
विभाग | राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग |
आवश्यक दस्तावेज | आधार कार्ड, जमाबंदी संख्या, मोबाइल नंबर |
आवेदन मोड | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
प्रक्रिया शुरू होने की तिथि | 20 अगस्त 2024 |
अंतिम तिथि | कोई सीमा नहीं |
आधिकारिक पोर्टल | biharbhumi.bihar.gov.in |
जमाबंदी और आधार लिंकिंग का महत्व
- डिजिटल सुरक्षा: भूमि रिकॉर्ड में किसी भी प्रकार के बदलाव की जानकारी सीधे आपके मोबाइल पर आएगी।
- पारदर्शिता: इससे भूमि विवाद कम होंगे और फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी।
- सरकारी योजनाओं का लाभ: आधार लिंक होने पर सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।
- कानूनी सुरक्षा: जमीन पर किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे या विवाद की स्थिति में यह प्रक्रिया मददगार साबित होगी।
- लोन सुविधा: बैंक लोन लेने के लिए आधार लिंक्ड जमाबंदी आवश्यक है।
प्रक्रिया: कैसे करें जमाबंदी को आधार से लिंक?
ऑनलाइन प्रक्रिया
- बिहार भूमि पोर्टल पर जाएं: biharbhumi.bihar.gov.in।
- आधार/मोबाइल सीडिंग स्टेटस चेक करें: होमपेज पर दिए गए विकल्प पर क्लिक करें।
- जमाबंदी नंबर दर्ज करें: अपनी जमीन की जानकारी भरें।
- लिंकिंग प्रक्रिया पूरी करें: आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और सबमिट करें।
ऑफलाइन प्रक्रिया
- अपने नजदीकी अंचल कार्यालय या राजस्व कर्मचारी से संपर्क करें।
- अपने साथ निम्न दस्तावेज ले जाएं:
- आधार कार्ड
- जमीन से जुड़े कागजात (जमाबंदी संख्या, खेसरा नंबर आदि)
- मोबाइल नंबर
- अधिकारी आपके दस्तावेजों की जांच करेंगे और आपकी जमाबंदी को आधार से लिंक कर देंगे।
आधार लिंकिंग के फायदे
- भूमि विवादों में कमी
- सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ
- डिजिटल रिकॉर्ड की सुरक्षा
- बैंक लोन प्राप्त करने में आसानी
- रियल एस्टेट लेन-देन में पारदर्शिता
निष्कर्ष
जमाबंदी को आधार से जोड़ना बिहार सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो भूमि रिकॉर्ड को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाती है। यह न केवल रैयतों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में भी मदद करता है। यदि आपने अभी तक अपनी जमाबंदी को आधार से लिंक नहीं कराया है, तो इसे जल्द ही पूरा करें।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सरकारी दिशानिर्देशों पर आधारित है। कृपया अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी अंचल कार्यालय या आधिकारिक पोर्टल पर संपर्क करें।